
छापेमारी में तकरीबन 7 करोड़ से ज्यादा की बेनामी प्रॉपर्टी मिली है. इस संपत्ति में करोड़ों की जमीन, गाड़ियां समेत दूसरी चीजें शामिल हैं.
मध्यप्रदेश – लोकायुक्त टीम को छापामार कार्रवाई में मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में प्रभारी असिस्टेंट इंजिनियर हेमा मीणा के घर से इतनी संपत्ति मिल रही है कि, जांच में दो दिन का समय लगेगा. जानकारी के अनुसार, साल 2011 से ड्यूटी ज्वाइन करने वाली सहायक इंजीनियर हेमा मीणा ने महज 13 साल की नौकरी में ही करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली. भ्रष्टाचार से अर्जित की गई इस संपत्ति की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को साल 2020 में की गई थी. तभी से लोकायुक्त टीम ने मालदार इंजीनियर हेमा मीणा पर नजर बनाए हुए थी.
पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन भोपाल में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर (संविदा) के फार्म हाउस पर गुरुवार को लोकायुक्त पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी. उसके घर से मिली संपत्ति का आकलन आज तक जारी है. हैरानी की बात है कि 30 हज़ार रुपये महीने वेतन पाने वाली संविदा इंजीनियर के घर से एक टीवी मिला है जिसकी कीमत 30 लाख रुपये बताई जा रही है. एक करोड़ का बंगला
मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में एक करोड़ रुपये का आलीशान बंगला है. वहीं लोकायुक्त टीम को भोपाल, रायसेन और विदिशा के कई गांवों जमीन खरीदी के दस्तावेज भी मिले हैं. इसी के साथ टीम को हार्वेस्टर, धान बुवाई मशीन, ट्रेक्टर और खेती में काम आने वाले अन्य उपकरण के कागज बरामद हुए हैं. हेमा मीणा मूलत: रायसेन जिले के चपना गांव की रहने वाली है.
बरामद हुई रोटी बनाने की मशीन -खास बात यह है कि 20 हजार वर्गफीट में फैले परिसर में मौजूद दर्जनों कर्मचारियों से बात करने लिए हेमा मीणा वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करती थी। यही नहीं, लोकायुक्त पुलिस के छापे में संविदा इंजीनियर के बंगले से रोटी बनाने की भी मशीन मिली है। 2.50 लाख रुपये की इस मशीन का इस्तेमाल कुत्तों के लिए रोटी बनाने में होता है।

