
भ्रष्ट व निष्क्रिय तहसीलदार अभिषेक राठौर के खिलाफ ग्रामीण व अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा
kuldeep sharma कोटा – भ्रष्टाचार के मामले में राजस्व विभाग हमेशा सुर्खियों में रहा है भ्रष्ट अधिकारीयों की करतूत से जब आम जन परेशान होती है तो फिर मामला सामने आते ही मोर्चा खोल दिया जाता है l
पूरा मामला बेलगहना तहसील में पदस्थ तहसीलदार अभिषेक राठौर के खिलाफ है जहां ग्रामीण एवं जनप्रतिनिधियों व अधिवक्ताओं ने कलेक्टर व राजस्व मंत्री के यहां लिखित शिकायत की है
बेलगहना तहसीलदार अभिषेक राठौर के खिलाफ कार्य मे लपरवाही बरतने एवं जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता रहा है जिसकी शिकायत लंबे समय से मौखिक रूप से की जा रही थी लेकिन उच्च अधिकारी को द्वारा तहसीलदार के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई इसका परिणाम यह हुआ कि ग्रामीण व जनप्रतिनिधियों ने लिखित में कलेक्टर व राजस्व मंत्री के यहां लिखित शिकायत दर्ज कराई गई अब यह देखना होगा की भ्रष्ट व निष्क्रिय तहसीलदार के ऊपर क्या कार्यवाही होती है l
मामला – 1 विगत दस से पंद्रह दिवस पूर्व दो ट्रेक्टर एक हाईवा पकड़कर तहसील कार्यालय बेलगहना में लाया जिसे अधिवक्ताओं एवं ग्रामीणों ने देखा व फोटो भी खींची लेकिन तीन चार दिन तहसील कार्यालय में रखने के बाद मोटी रकम लेकर छोड़ दिया ग़या जबकि वर्षा ऋतु में रेत निकालना पूर्णता प्रतिबंध रहता है तथा आपको बता दे की इसके पूर्व में पकड़ाया ट्रेक्टर व जेसीबी नही छूटे और तत्काल पकड़ाया ट्रेक्टर व हाइवा को छोड़ दी गई इनके ऊपर इतनी मेहरबानी क्यों ?
मामल – 2 करहीकछार पंचायत के आश्रीत ग्राम केकराडीह में राजकुमार बेक व सुले बेक दोनों भाईयें की आपसी लडाई में पुलिस कार्यवाही की गई एवं जेल भेज दिया गया उसके दुसरे दिन पैसे का लेनदेन करके जमानत दे दी गई इस पूरे प्रकरण में तहसील कार्यालय में उपस्थित व्यक्ति लाल जी टांडिया ने तहसीलदार के लिए पैसे की उगाही की दोनों पक्षों से पैसे के लेनदेन का पूरा मामला फोन रिकार्डिंग में सेव है जिसमें यह कहा जा रहा है कि मै पैसा अपने लिए नही जमानत के नाम से साहब के लिए है
इन सभी मामलों की उच्च अधिकारियों से जांच कराई जाए और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई किया जाए
अनाधिकृत रूप से तहसील में कार्यरत लाल जी के विरुद्ध हुईं शिकायत –
बेलगहना तहसील में अनधिकृत रूप से कार्य कर रहे लाल जी की की शिकायत की गई उनके द्वारा तहसीलदार के बोलने पर हर जमानत पर पांच ₹5000 व तहसील के अंतर्गत जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र एवं जमीन से संबंधित सभी मामलों पर अलग-अलग दर से पैसे का लेनदेन किया जाता है जिससे ग्रामीण परेशान है व जेल तक जाने पर मजबूर है अब सवाल यह उठता है की लाल जी को किस आधार पर राजस्व की महत्वपूर्ण दस्तावेजों की देखरेख के लिए रखा गया है व किसी के व्यक्तिगत गोपनीता को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है समाजसेवी सचिन साहू ने मोबाइल फोन पर रिकॉर्डिंग तहसीलदार के लेनदेन के मामले को उजागर किया हुआ वह भ्रष्ट तहसीलदार को बर्खास्त की मांग की गई l
पटवारी के द्वारा ऑनलाइन बी वन में गलत प्रविष्टि कर भारी भरकम पैसे लेने का आरोप
बेलगहना तहसील के अंतर्गत पटवारी कार्यालय में व पटवारी के आई डी में जाकर ऑनलाइन गलत प्रविष्टि कर दी जाती है जब इसकी शिकायत किसान व जन प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है तो उनको त्रुटि सुधार आवेदन देने के लिए कहा जाता है फिर उसके बाद लेनदेन का खेल शुरू किया जाता है तथा ग्रामीणों व किसानों को बार-बार पटवारी कार्यालय व तहसील कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है जिससे मजबूर होकर किसान व ग्रामीण पैसे देने को मजबूर हो जाते हैं बिना किसी आवेदन दिए बी वन पर गलत प्रविष्टि की जाती है और उल्लेखनीय है कि इसकी जानकारी किसान तक को नहीं होती जब पता चलता है तब नियम से आवेदन करने को कहा जाता है जबकि यह गलती शासकीय कर्मचारी द्वारा की जाती है तो ऐसे कर्मचारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन इसका भी खामियाजा किसानों व ग्रामीण लोगों को भुगतना पड़ता है ऐसे कई मामले बेलगहना तहसील के अंतर्गत पेंडिंग पड़े हुए हैं l
बहरहाल अब यह देखना होगा की भ्रष्ट व निष्क्रिय तहसीलदार के ऊपर क्या कार्यवाही होती है l