कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव नें विनर झांकीयो को पुरूष्कृत किया
kuldeep sharma कोटा – विजयदशमी दशहरे का पर्व कोटा में बडे ही धूमधाम से मनाया जाता है कोटा एवं आसपास के क्षेत्र गांवों से भारी संख्यां में लोग आते है जो देर रात तक कोटा दशहरे का आंदन उठाते है l एवं नगर में भव्य पंडालों में विराजी माता के दर्शन कर देर रात तक आकर्षक झांकियों के साथ नगर का भ्रमण करते है l विशेषत: यह भी है कि बिलासपुर में भी कोटा की आकर्षक झांकिया दुर्गाउत्सव समितियां विसर्जन में निकालती है l पिछले पचास वर्षों से अधिक समय से कोटा दशहरे में यह परम्परा चली आ रही है l
कोटा दशहरा का उत्सव में रावण कुम्भकरण के नगर भ्रमण की परम्परा है जो नगर दशहरा उत्सव समिति हटरी चौक से नाका चौक तक बैंड बाजे के साथ हजारों की संख्या में लोगों के साथ नाचते हुए दहन स्थल पहुंचते है साथ राम दरबार का रथ भी रहता l नगर भ्रमण के पश्चात् मंडी ग्राउंड के पास प्रभु श्रीराम द्वारा रावण कुम्भकरण का दहन होता है l
कोटा दशहरे में एक से बढकर एक आकर्षक चलित झांकिया निकाली जाती है जो रावण कुम्भकरण के साथ ही इस दशहरे का मुख्य केंद्र होती है जिसे देखने बडी संख्या में बिलासपुर जिले से लेकर कोटा ब्लाक एवं अन्य क्षेत्र से भारी संख्या में लोग आते है यहां मेले जैसा माहौल रहता है l देवी पंडालों के दर्शन कर झांकिया देख घूमकर कोटा दशहरे का आनंद उठाते है
कोटा दशहरा में रावण कुम्भकरण के साथ चलित झांकियो के आयोजन में नगर दशहरा उत्सव समिति का महत्वपूर्ण स्थान रहता जिनके विशेष प्रयासों से यह परम्परा संचालित हो रही है और वही कोटा के झांकि निर्माताओं की कोटा दशहरे की परम्परा को स्थापित रखनें में भी अहम भूमिका रहती है जिनके तन मन धन से समर्पित होने से भव्य आयोजन सफलता पूर्ण सम्पन्न होता है l कई आकर्षक झांकिया बनाई गई थी जिसमें राम आर्ट नें शिव और सती की झांकी प्रस्तुत की असलम खत्री नें जटायु द्वारा माता सीता को बचानें अपनें प्राण देना, कृष्ण जी कालिया नाग, राम जी द्वारा मृग का वध, एवं संजय तुलस्यान , सूरज गुप्ता एवं भुवन पेंटर द्वारा कामधेनू गौ माता की झांकि प्रस्तुत की गई जिसका उद्देश्य गौ रक्षा गौ सेवा था l वर्तमान समय में गौ माता की जो स्थिति है वह बहुत ही दयनीय है सड़को पर बेसहारा छोड़ दिया जाता है हम सब गौ रक्षा का मिलकर संकल्प लेवे l
नगर दशहरा उत्सव समिति में विधायक अटल श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे और शिव जी द्वारा सती के शरीर को भ्रमण करना प्रथम 21000 व जटायु द्वारा माता सीता को बचाने दिये अपने प्राण को द्वितीय 15000 एवं भगवान गणेश व कार्तिके द्वारा माता पिता की परिक्रमा को तृतीय 11000 नगद पुरूष्कार के रूप प्रदान किया गया l कार्यक्रम का संचालन फूलचंद अग्रहरि द्वारा किया जाता है जो सराहनीय रहा है l
वहीं कोटा पुलिस दशहरा उत्सव में पूरी तरह मुस्तैद दिखाई नही दी कई जगह चौक चौराहे पर लडाई झगडे़ होते रहे एनसीसी के जवानों के भरोषे कोटा दशहरा उत्सव मना l