सनी लियोनी के नाम पर महतारी वंदन का हर महिने एक हजार लेने वाला विरेंद्र गिरफ्तार

पर्यवेक्षक व परियोजना अधिकारी सस्पेंड कार्यकर्ता बर्खास्त
सुनील शुक्ला रायपुर – छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना में हर महीने एक हजार रुपये लेने के लिये कुछ लोगों ने योजना का गलत तरीके से लाभ लेने के लिए फेक आवेदन किए हैं, उनकी जानकारी मिलने पर कार्रवाई शुरू हो गई है। मीडिया में महतारी वंदन योजना की राशि सन्नी लिओनी के खाते में जमा होने की खबर प्रसारित होने के बाद सरकारी विभाग का कहना है कि वास्तव में सन्नी लिओनी के बैंक खाते में महतारी वंदन की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। वीरेन्द्र कुमार जोशी नाम के व्यक्ति ने स्थानीय स्तर पर मिलीभगत कर सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन कर आधार और अन्य जानकारी अपनी डालते हुए शासकीय राशि अवैधानिक रूप से प्राप्त करने के लिये गलत जानकारी दी। इसके बाद सरकारी विभाग हरकत में आया और गंभीर लापरवाही के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी को बर्खास्त किया गया है। वहीं पर्यवेक्षक प्रभा नेताम एवं परियोजना अधिकारी ज्योति मथरानी को निलंबित किया गया है। तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है। वीरेन्द्र कुमार जोशी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है। उसके बैंक खाते को सीज कर भुगतान की गयी राशि की वसूली की कार्यवाही की जा रही है।
बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर में वीरेन्द्र कुमार जोशी ने फर्जीवाड़ा करते हुए आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर के कार्यकर्ता के माध्यम से सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन किया गया है य़ उस आवेदन में अन्य जानकारी के रूप में अपना आधार नंबर तथा अपने बैंक खाते की जानकारी डाली गयी है। प्रत्येक आवेदन के परीक्षण एवं सत्यापन का दायित्व ग्राम स्तर पर बनायी गयी समिति, जिसमें ग्राम प्रभारी/वार्ड प्रभारी एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा किया जाना था। इसके उपरांत पोर्टल में अंकित दस्तावेज़ो का परीक्षण प्रथम सत्यापन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा तथा द्वितीय सत्यापन पर्यवेक्षक के द्वारा किया जाना था तथा परियोजना अधिकारी के द्वारा अनुमोदित किया जाना था। इस प्रकरण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी, जो की वीरेन्द्र कुमार जोशी की पड़ोसी है, के द्वारा बिना तथ्यों की जॉंच परख किए ऑनलाईन पोर्टल पर वीरेन्द्र कुमार जोशी के द्वारा सन्नी लिओनी के नाम से किए गए आवेदन को सत्यापित कर दिया गया। इसी प्रकार पर्यवेक्षक के द्वारा भी बिना परीक्षण किए हुए इस आवेदन का सत्यापन कर दिया गया, जिसके कारण इस फर्जी नाम वाले हितग्राही को उनके द्वारा दिए गए आधार नबंर से लिंक स्टेट बैंक के खाते में डीबीटी के रूप में राशि का भुगतान हुआ है।